सोमवार, 29 मार्च 2010

शिक्षा , रोजगार ,स्वास्थ्य की गरंटी समाजवाद मे ही संभव:सुचान

 कुरुक्षेत्र विशवविद्यालय मे भगत सिंह  के शहीदी दिवस पर एआईएसएफ द्वारा प्रोग्राम आयोजित |
 २३ मार्च कुरुक्षेत्र |.एआईएसएफ द्वारा भगत सिंह के शहीदी दिवस पर कुरुक्षेत्र विशवविद्यालय के गेट न. ३ पर प्रोग्राम आयोजित किया गया , जिसमे सैकड़ों विशवविद्यालय की संख्या मे स्टूडेंट्स वा स्थानीय लोगों ने भाग लीया | सभा को एआईएसएफ के रास्ट्रीय 'कोषाध्यक्ष' रोशन सुचान ,  पूर्व रास्ट्रीय महासचिव वीजैंदर केसरी , सी पी आई नेता कामरेड परताप सिंह , का. सतपाल सिंह आदि ने संबोधित किया | एआईएसएफ के रास्ट्रीय 'कोषाध्यक्ष' रोशन सुचान ने कहा की भगत सिंह का मकसद सिर्फ हिन्दोस्तान की आज़ादी ही नही था , वो एक ऐसे देश की बात करते थे जहाँ कोइ भूखा न हो , सभी को शिक्षा , रोजगार ,स्वास्थ्य का इंतजाम सरकार करे | सुचान ने कहा की आज़ादी के ६३ सालों के बाद भी उनका सपना पूरा नही हुआ है | सुचान ने कहा राज्य मे ३ लाख से भी ज्यादा सरकारी पद रिक्त पडे है , सरकार उनको भर नहीं रही |सरकार १८ वर्ष के हर युवा को रोजगार देने का कानून बनाये |लोग बीना  दवा के मर रहे हैं , ब्लाक लेवल पर सरकारी हॉस्पिटल स्वास्थ्य के लिय जरूरी है| सभी को शिक्षा , रोजगार ,स्वास्थ्य की गरंटी समाजवाद मे ही संभव है |समाजवाद ही जनता की मुक्ति का रास्ता है | समाजवाद के लिय संघर्ष तेज करना पडेगा |एआईएसएफ के पूर्व रास्ट्रीय महासचिव वीजैंदर केसरी ने अपने संबोधन मे  कहा आज देश के हालात अच्छे नहीं हैं | देश का मेहनतकश किसान ,मजदूर वर्ग संकट मैं है | शिक्षा को सरकारों ने बाज़ार की वस्तु बना डाला है आम आदमी शिक्षा से दूर हो गया है | देश मे करोड़ों युवा बेरोजगार घूम रहे है | युवा ही भगत सिंह के सपनो का देश बना सकते हैं | सी पी आई नेता कामरेड परताप सिंह ने कहा की यू पी ए सरकार की नीतिओं के कारण मंहगाई ने जनता का जीना हराम कर दीया है | गोदामों मे अनाज के भण्डार भरे होने के बावजूद मंहगाई का कारण कालाबजारी है , जो सरकार करवा रही है | भगत सिंह का भारत के लिए सी पी आई जनसंघर्ष तेज करेगी | यहाँ ये बताना लाजमी है की लम्बे अरसे के बाद कुरुक्षेत्र विशवविद्यालय मे एआईएसएफ का गठन करने का काम कीया गया है| रोशन सुचान, वीजैंदर केसरी,कामरेड परताप सिंह , अजित सिंह द्वारा  विशवविद्यालय मे संगठन के गठन के लिय माटिंग भी आयोजित की गयी |

कोई टिप्पणी नहीं: